History Top 7 Long Subjective
जय हिंद मेरे प्यारे बच्चों यह ऐसा प्रश्न है जो कि आपके बोर्ड परीक्षा में प्रश्न पूछेगा तो पूछेगा 100% लिखकर रख लीजिए
1. 1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारण क्या था?
उत्तर :- 1857 के विद्रोह एकाएक नहीं उठा था। बल्कि लंबी अवधि से चल रही अंग्रेजों की अत्याचार के परिणाम के कारण 1857 का विद्रोह हुआ था। तथा अंग्रेजो ने हमारे शासनकाल में अनेक बदलाव लाया। जिससे भारतीय लोगों में असंतोष व्याप्त था। 1857 ई. के पूर्व सैनिकों को ब्राउन बेस नामक राइफल दिया जाता था। लेकिन 1856 ई. में ब्राउन बेस राइफल की जगह उसे एनफील्ड नामक राइफल दिया जाने लगा। तथा सैनिकों में यह अफवाह फैल गया कि यह सूअर और गाय के चमड़े से बना है जिसे भारतीय सैनिक इसे स्वीकार करने से मना कर रहे थे इसके कारण ही 1857 की क्रांति हुआ था। तथा मंगल पांडे ने सरजेन्ट को गोली मार डाला। फिर मंगल पांडे को फांसी दे दिया गया। इसके फलस्वरूप भी क्रांति फैली।
2. मुगल शासक अकबर के उपलब्धियों पर प्रकाश डालें?
उत्तर :- अकबर मुगल वंश का महान शासक था। इसकी गणना विश्व के महान सम्राटों में की जाती है। यह हिमायू के उत्तराधिकारी थे। इसका राज्य अभिशेक पानीपत के दूसरे युद्ध में किया गया था। इसका राज्य अभिशेक 1556 ई. में किया गया था। इसके संरक्षक बैरम खां था। अकबर के काल में अनेक सुधार और विकास का कार्य हुआ था। जैसे – 1562 ई. ने दास प्रथा की समाप्ति, 1563 में तीर्थ यात्रा की समाप्ति, 1564 में जजिया कर की समाप्ति किया। उन्होंने अपने दरबार में विशेष क्षेत्र के विशेषज्ञ को संरक्षण दिया था। जिसे नवरत्न कहते हैं। उन्होंने अपने साम्राज्य के विस्तार के लिए राजपूतों के साथ वैवाहिक संबंध की स्थापना किया। अकबर एक मुसलमान था। लेकिन वे सभी धर्म के विशेषज्ञ को संरक्षण दिया तथा 1875 में धार्मिक वाद विवाद के लिए फतेहपुर सीकरी में धर्म संसद की स्थापना किया और सभी धर्मों की अच्छी-अच्छी बातों को अपने दिन – ए इलाही नामक किताब में लिखते थे। अकबर एक मुसलमान होते हुए भी वह सूर्य को अर्घ्य देता था। और माथे पर तिलक लगाते थे।
3. वर्धमान (महावीर स्वामी) के जीवन पर प्रकाश डालें?
उत्तर :- महावीर स्वामी जिनका जन्म 540 ई. पू. बिहार के वैशाली जिला के कुण्डग्राम नामक स्थान पर हुआ था। उसके पिता का नाम सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशाला था। इसका वास्तविक नाम वर्धमान था। 30 वर्ष की आयु में महावीर ने संसार से विरक्त होकर राज वैभव त्याग दिया और सन्यास धारण कर लिया। फिर आत्मकल्याण के पथ पर निकल गया। 22 वर्ष की कठिन तपस्या के बाद उसे ज्ञान की प्राप्ति हुई। और 62 वर्ष की अवस्था में मोक्ष की प्राप्ति हुई।
4. गुप्त काल को स्वर्ण काल कहते हैं, क्यों?
उत्तर :- गुप्त काल को स्वर्ण काल इसलिए कहा जाता है क्योंकि गुप्तकाल भारतीय इतिहास का एक युगांतकारी काल है किसी भी काल को स्वर्ण काल की उपलब्धियों के द्वारा दी जाती है। गुप्त काल को स्वर्ण काल इसलिए कहते हैं क्योंकि गुप्त काल में अनेक देश की संस्कृति चरमोत्कर्ष पर था। इस काल में ज्ञान – विज्ञान कला, कला – स्थापत्य कला, साहित्य कला, मंदिर निर्माण कला, मूर्ति निर्माण कला का विकास हुआ था। भारत के सभी प्रमुख मंदिर और ग्रंथों का निर्माण इसी काल में किया गया था। इस वंश के शासक ने संपूर्ण भारत को जीत कर अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। इस काल में आर्थिक, प्रशासनिक और राजनीतिक दृष्टिकोण को स्वर्ण काल कहा जाता है।
5. जैन धर्म और बौद्ध धर्म के पतन के क्या कारण थे?
उत्तर :- बौद्ध धर्म छठी शताब्दी ई. पू. में जितना तीव्र गति से बढ़ रहा था उतने ही तीव्र गति से महावीर स्वामी और बुद्ध की मृत्यु के बाद इस धर्म का पतन शुरू हो गया। इसका कारण इस प्रकार है –
बौद्ध धर्म का बदलाव स्वरूप :- महात्मा बुध के मृत्यु के बाद बौद्ध धर्म में अनेक जटिलता आ गई। साथ ही मूर्ति पूजा का समावेश होने लगा। जो इस का पतन का कारण बना।
संघ के प्रवेश में बुराइयां :- बुध के मरने के बाद बौद्ध बिहारी में भिक्षुक भोग – विलास से लिप्त हो गया। जो इस का पतन का कारण था।
राजकीय संरक्षण की समाप्ति :- शुरू में मौर्य वंश और पाल वंश ने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया परंतु पाल वंश की समाप्ति के बाद उसे कोई वंश सहायता नहीं किया। जिसके कारण बौद्ध धर्म की समाप्ति हुई।
बौद्ध धर्म का विभाजन :- महात्मा बुध की मृत्यु के बाद बौद्ध धर्म हीनयान, महायान थेरवाद और ब्रजयान आदि में बांटा गया जिसका कारण यह हुआ कि बौद्ध धर्म का पतन होने लगा।
बौद्ध धर्म के मृत्यु के बाद :- बौद्ध धर्म के मृत्यु के बाद अनेक शिष्यों को कोई संरक्षण नहीं दिया जाता था। इसके कारण भी बौद्ध धर्म का पतन हुआ।
6. प्लासी युद्ध के कारण और परिणाम लिखें?
उत्तर :- प्लासी का युद्ध 1757 ई. में अंग्रेजों और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुआ। प्लासी का युद्ध एक प्रमुख युद्ध था इस युद्ध का परिणाम यह था कि अंग्रेजो के द्वारा दस्तखत का दुरुपयोग करना। क्योंकि 1717 ई. में मुगल बादशाह फर्रूखसियर ने अपने आदेश पर व्यापारियों को करमुकत व्यापार करने की अनुमति दिया लेकिन अंग्रेज भारतीय व्यापार के साथ-साथ अन्य व्यापारियों के माल को अपना माल बता कर पूरे माल की क्षति पहुंचाते थे। इस क्रांति को रोकने के लिए सिराजुद्दोला के स्थान पर मिरजाकर को बंगाल के स्थावन का नवाब बनाया गया। जो अंग्रेजों का गुलाम था। इस युद्ध के बाद बंगाल की सत्ता अप्रत्यक्ष रूप से अंग्रेजों के हाथ में आ गया
7. हंपी पर टिप्पणी लिखिए?
उत्तर :- हंपी जो विजय नगर की राजधानी और कर्नाटक का एक प्रमुख स्थल है विजयनगर की राजधानी के कारण मध्य काल में यहां पर स्थापत्य काल का बहुत विकास हुआ था। इसकी जानकारी अंग्रेजों के सर्वेक्षण से पता चलता है यह नगर कृष्णा और तुंगभद्रा के दो आब में बसा था। जो उस समय सर्वजनिक उपजाऊ जगह था। और कहां जाता है कि वाना राजा वाली यहां रहा करते थे। क्योंकि किष्किंधा पर्वत जो बाली की राजधानी थी यह तुंगभद्रा नदी के किनारे बसा था यहां अनेक महानवमी इमारत थी जैसे – डिब्बा, कमल महला, विठाला स्वामी का था मंदिर और हथियार था।
good information to broaden my horizons but if there is any other information if you can let me know