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Biology – जीव विज्ञान
Chapter 1 Class 10th
जैव प्रक्रम : पोषण
★ जीव विज्ञान किसे कहते हैं?
☞ विज्ञान की वह शाखा जिसमें हम जीव एवं जंतुओं का अध्ययन करते हैं। उसे हम जीव विज्ञान कहते है।
☞ जीव विज्ञान का जनक “अरस्तू” को कहा जाता है। 1802 ई. में लैमार्क और ट्रेविरेनस ने जीव विज्ञान शब्द का नाम दिया।
☞ Biology (जीव विज्ञान) शब्द ग्रीक से लिया गया है। Biology दो शब्दों से मिलकर बना है। बॉयोस (Bio) जिसका अर्थ “जीवन” और लोगस (logous) जिसका अर्थ “अध्ययन” होता है। दोनो मिलकर Biology शब्द का निर्माण हुआ।
“अथवा”
☞ जीवन के बारे में जो अध्ययन करते हैं। उसे हम बायोलॉजी कहते हैं।
1. जैव प्रक्रम किसे कहते हैं?
उत्तर:- वे सारी क्रियाएं जिनके द्वारा जीवों का अनुरक्षण होता है। उसे हम जैव प्रक्रम कहते हैं।
जैसे:- भोजन करना, सांस लेना इत्यादि
2. जीवों के लिए पोषण क्यों अनिवार्य है?
☞ हम जानते हैं कि जीव एवं जंतुओं को भोजन की आवश्यकता होती है। उसके बिना जीवन में वृद्धि एवं विकास नहीं हो सकती। इसीलिए जीवधारियों को पोषण अनिवार्य है।
“अथवा”
☞ सभी जीवों को अपने जीवन संबंध भिन्न-भिन्न आवश्यक कार्य को करने के लिए वृद्धि एवं विकास करने के लिए कोशिकाओं की टूट-फुट की मरम्मत के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। हमें जो ऊर्जा से प्राप्त होता है इसलिए सभी जीवो को पोषण की आवश्यकता होती है।
3. पोषण की परिभाषा लिखें!
☞ पोषण की वह विधि जिसके द्वारा कोई जीव पोषण तत्वों को ग्रहण कर उनका उपयोग करते हैं। उसे हम पोषण कहते हैं।
जैसे:- वसा, प्रोटीन इत्यादि
4. पोषण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं
(1) स्वपोषण (2) परपोषण
➪ स्वपोषण :- वैसे जीव जो अपना भोजन स्वयं बनाता है। किसी अन्य जीवों या स्रोतों पर निर्भर नहीं रहता है। उसे हम स्वपोषी कहते हैं।
जैसे:- हरे पड़े-पौधे
➪ परपोषण :- पोषण की वह विधि जिसमें जीव अपना भोजन स्वयं न बनाकर किसी दूसरे जीव या स्रोत पर निर्भर रहता है। उसे हम परपोषण कहते हैं।
जैसे:- जीव, जंतु
5. परपोषण कितने प्रकार के होता है।
☞ परपोषी मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।
(1) मृतजीवी पोषण (2) परजीवी पोषण (3) प्राणीसम पोषण
➪ मृतजीवी पोषण :- पोषण की वह विधि जिसमें कोई जीव मरे हुए जीव -जंतु या पौधा को अपना भोजन ग्रहण करता है। उसे हम मृतजीवी पोषण कहते हैं। जैसे:- कवक ,बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ आदि
➪ परजीवी पोषण :- पोषण की वह विधि जिसमें एक जीव दूसरे जीव के संपर्क में रहकर स्थाई या अस्थाई रूप से अपना भोजन प्राप्त करता है। उसे हम परजीवी पोषण कहते हैं। जैसे:- खटमल, मच्छर, मलेरिया आदि
➪ प्राणिसम पोषण :- पोषण की वह विधि जिसमें कोई जीव अपना भोजन ठोस या तरल रूप में जंतुओं के भोजन ग्रहण करने की विधि द्वारा ग्रहण करता है। उसे प्राणीसम पोषण कहते हैं। जैसे:- अमीबा , मेढक, मनुष्य इत्यादि
5. पोषण में किन- किन परिस्थितियों का होना आवश्यक है? इन के उपोत्पाद क्या है
☞स्व पोषण के लिए आवश्यक सामग्री निम्न है
✔︎ सूर्य का प्रकाश
✔ जल
✔ कार्बन डाइऑक्साइड
✔ हरित लवक या क्लोरोफिल
स्वपोषी में उत्पादक के रूप में कार्बन डाइऑक्साइड ,ऑक्सीजन और जल
6. प्रकाश संश्लेषण से आप क्या समझते हैं?
☞ जिस प्रक्रिया के द्वारा हरे पेड़-पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन तैयार करता है। उसे मूलभूत प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहा जाता है।
सूर्य प्रकाश
6CO2 + 12H2O —————-C6H12O6+ 6O2+6H2O
क्लोरोफिल
7. पत्तियों को प्रकाश संश्लेषीअंग क्यों कहा जाता है?
☞ प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के लिए आवश्यक पदार्थ क्लोरोफिल पौधे के पत्तियों में ही पाया जाता है। और प्रकाश संश्लेषण शुरू से लेकर अंत तक पत्तियों में ही होता है। इसीलिए पत्तियों को प्रकाश संश्लेषण अंग कहा जाता है
8. भोजन के पाचन से आप क्या समझते हैं?
☞ भोजन पाचन का तात्पर्य हम जो खाद्य पदार्थ ग्रहण करते हैं। उसमें उपस्थित पोषक तत्व का हमारे शरीर के द्वारा उनका अवशोषण होता है।
9. आहार नाल किसे कहते हैं?
☞ मनुष्य तथा सभी उच्च श्रेणी के जंतुओं में पाचन के लिए एक विशेष अंग पाया जाता है। जिसे आहारनाल कहा जाता है।
10. पाचन तंत्र का निर्माण कैसे होता है
☞ आहार नाल इससे संबंध पाचन ग्रंथियां और पाचन क्रिया मिलकर पाचन तंत्र का निर्माण करता है।
11. मनुष्य में अमाशय कितने भागों में बांटा होता है उनका नाम लिखें।
✔ अग्र भाग – कार्डिएक
✔ पश्य भाग – पाइलोरिक भाग
✔ मध्य भाग – पुण्डिक
Important Terms For Objective
☞ मनुष्य के शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत है। भार करीब 1.5kg होता है। जो गहरा हरा रंग का होता है।
☞ मनुष्य के आमाशय में प्रतिदिन 3 लीटर जटिल रस का स्राव होता है।
☞ मनुष्य के आमाशय की दीवार से जठर रस का स्राव होता है
☞ आहार नाल में सबसे अधिक लंबाई छोटी आंत की होती है।
☞ छोटी आंत की लंबाई 6 मीटर चौड़ाई 2.5 सेंटीमीटर होती है।
☞ शाकाहारी जंतुओं में छोटी आंत की लंबाई अधिक होती है। और मांसाहारी जंतुओं में छोटी आंत की लंबाई कम होती है।
☞ छोटी आंत तथा बड़ी आंत के जोड़ पर एक छोटी नली होती है।
☞ छोटी आंत के 3 भाग होते हैं। ग्रहणी,जेजूनम ,इलियम
☞ भोजन का संपूर्ण पाचन छोटी आंत के इलियम में होता है।
☞ अमीबा अपना भोजन कूट-पाद की सहायता से ग्रहण करता है।
☞ क्लोरोफिल के कारण ही पत्तियों का रंग हरा होता है।
☞ मानव शरीर का सबसे मजबूत अंग दांतो का इनामेल है।
☞ वायुमंडल में समान रूप से नाइट्रोजन 78% ऑक्सीजन 21% और कार्बन डाइऑक्साइड 0.03% होता है।
☞ मनुष्य का भोजन पाचन मुख गुहा से शुरू होकर छोटी आंत में संपूर्ण होती है।
☞ आहार नाल की लंबाई 8 से 10 मीटर होती है।