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Economics [ अर्थशास्त्र ]
Class 10th Chapter 2
राज्य एवं राष्ट्र की आय
Full Chapter Explanation
★ आय (Income)
जब कोई व्यक्ति किसी प्रकार का शारीरिक अथवा मानसिक कार्य करता है। और उस कार्यों के बदले में जो पारिश्रमिक मिलता है। उसे उस व्यक्ति की आय कहते हैं।
✓देश अथवा राज्य आय के अधार पर ही विकसित अथवा विकासशील श्रेणी में रखा जाता है। जैसे :-
➪ भारत के राज्यों में गोवा, दिल्ली और हरियाणा आय के आधार पर समृद्ध है। वहीं पर बिहार, उड़ीसा और मध्य प्रदेश विकास के निचली श्रेणी में रखा जाता है।
➪ विश्व में संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान समृद्ध माना जाता है और भारत को विकास के निचले दर्जे में रखा गया है।
★ बिहार की आय
रैगनर नर्क्स (Ragnar Nurkse) ने गरीबी के कुचक्र की धारणा को बतलाया था। बिहार राज्य में गरीबी के कुचक्र का शिकार है। जिस कारण बिहार के प्रति आय भी पूरे भारतवर्ष में न्यूनतम हैं।
★ राष्ट्रीय आय (National income)
राष्ट्रीय आय का मतलब किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के कुल मूल्य से लगाया जाता है।
दूसरे शब्दों में वर्ष भर में किसी देश में अर्जित आय के कुल मात्रा को राष्ट्रीय आय कहा जाता है।
राष्ट्रीय आय
प्रति व्यक्ति आय = ———————————-
देश की कुल जनसंख्या
★ सकल घरेलू उत्पादन (Gross Domestic Product)
एक देश की सीमा के अंदर किसी भी दी गई समयावधि प्रायः एक बार (लेखा बर्ष ) में उत्पादित समस्त अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं का कुल बाजार या मौद्रिक मूल्य उस देश का एकल घरेलू उत्पाद GDP कहा जाता हैं।
★ कुल या सकल राष्ट्रीय उत्पादन (Gross National Product)
किसी देश में 1 साल के अंतर्गत जितना वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन होता है। उसके मौद्रिक मूल्य को कुल राष्ट्रीय उत्पादन GNP कहते हैं। यहां ध्यान रखना चाहिए कि कुल राष्ट्रीय उत्पादन GNP तथा सकल घरेलू उत्पादन GDP में अंतर है।
★ शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन (Net National Product)
कुल राष्ट्रीय उत्पादन को प्राप्त करने के लिए हमें कुछ खर्च करना पड़ता हैं। अतः कुछ राष्ट्रीय उत्पादन में से इन खर्चों को घटा देने से जो शेष बचता है। वह शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन NNP कहलाता है। उत्पादन के बीच इसी का वितरण किया जाता है। कुल राष्ट्रीय उत्पादन GNP में से कच्चे माल की कीमत, पूंजी की घिसावट एवं मरम्मत पर किए गए व्यय, कर एवं बीमा का व्यय घटा देने से जो बचता है उसे शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन NNP करते हैं।
★ प्रति व्यक्ति आय
राष्ट्रीय आय में देश की कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल आता है। उसे प्रति व्यक्ति आय कहते हैं।
★ राष्ट्रीय आय की गणना
जैसा कि हम जानते हैं कि वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन विभिन्न साधनों के सामूहिक प्रयत्नों का ही परिणाम है। उत्पादन प्रक्रिया के अंतर्गत उत्पादन के साधनों को लगान, मजदूरी ब्याज तथा लाभ के रूप में आय प्राप्त होती है। इस अर्जित आई के स्वामी अपने आवश्यकताओं की मूर्ति के लिए वस्तुओं तथा सेवाओं की मांग करते हैं।
★ राष्ट्रीय आय की गणना में कठिनाइयां
किसी भी राष्ट्र की आर्थिक स्थिति को जानने के लिए उस देश की राष्ट्रीय आय को जानना आवश्यक होता है। राष्ट्रीय आय देश के आर्थिक विकास का सहज मापदंड है। जो उस देश के प्रति व्यक्ति आय के योग्य से निकाला जाता है। राष्ट्रीय आय के आधार पर विश्व के विभिन्न देशों को हम विकसित, विकासशील और अर्धविकसित राष्ट्रों की श्रेणी में मूल्यांकन करते हैं।
(i) ऑंकड़ों को एकत्र करने में कठिनाइयां
पूरे देश के लोगों की आय को हम उत्पादन के रूप में या उनकी आय के रूप में ऑंकते है। इस आंकड़ों को एकत्र करने में अनेक कठिनाइयां आती है। यदि सही ऑंकड़े उपलब्ध नहीं हो तो राष्ट्र के विकास की सही स्थिति नहीं प्राप्त होती है।
(ii) दोहरी गणना की संभावना
पूरे राष्ट्र के लोगों के उत्पादन अथवा आय के आंकड़ों को एकत्र करना सहज नहीं है। भौगोलिक और मानवीय संसाधन की संरचना ऐसी होती हैं। कि कभी कभी एक ही आय या उत्पादन को दो स्थान अंकित कर दिया जाता हैं। जिस कारण वास्तविक आय से अधिक आय दिखने लगती हैं।
(iii) मूल्य के मापने में कठिनाई
बाजार की स्थिति में प्रायः हम देखते हैं कि एक ही वस्तु को कई व्यापारिक स्थितियों से गुजरने के कारण उस वस्तु के मूल्य में विभिन्नता आती है वस्तु की कीमत कि यह विभिन्नता इसलिए होती हैं कि विक्रेताओं के एक वर्ग से दूसरे वर्ग तक जाने में उसका यातायात का खर्च विक्रय व्यवस्था ( विज्ञापन) का खर्च और विक्रेताओं की मुनाफे की राशि उसमें जुट जाती है।
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