Psychology Chapter 1 Class 12th Notes In Hindi || मनोविज्ञान कक्षा 12वीं अध्याय 1 मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएं

 

मनोविज्ञान (Psychology)

Class 12th                   Chapter 1

मनोवैज्ञानिक गुणों में विभिन्नताएं

Full Chapter Explanation + Notes

 

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मनोविज्ञान क्या है।  (What Is Psychology?)

वह शैक्षिक व अनुप्रयोगात्मक विद्या है जो प्राणी (मनुष्य, पशु आदि) के मानसिक प्रक्रियाओं (mental processes), अनुभवों तथा व्यक्तअव्यक्त दोनों प्रकार के व्यवहारों का एक क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक अध्ययन करता है। उसे हम मनोविज्ञान कहते हैं।

 

☞ दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है। कि मनोविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है जो क्रमबद्ध रूप से (systematically) प्रेक्षणीय व्यवहार (observable behaviour) का अध्ययन करता है। तथा प्राणी के भीतर के मानसिक एवं दैनिक प्रक्रियाओं जैसे – चिन्तन, भाव आदि तथा वातावरण की घटनाओं का अध्ययन करता है। मनोविज्ञान को व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन भी कहा जाता है। ‘व्यवहार’ में मानव व्यवहार तथा पशु व्यवहार दोनों ही सम्मिलित होते हैं।

☞ विल्हेम मैक्समिलियन वुण्ट (Wilhelm Maximilian Wundt)  16 अगस्त 1832 – 31 अगस्त 1920 जर्मनी के चिकित्सक, दार्शनिक, प्राध्यापक थे। जिन्हें आधुनिक मनोविज्ञान का जनक माना जाता है।

 

 

मानव प्रकार्यों में व्यक्तिगत भिन्नताएं कैसा है।

☞ संसार में जितने भी प्राणी हैं। उन सभी में कुछ न कुछ विभिन्नताएं पाई जाती है। सोचिए अगर पूरे संसार में एक ही रंग का चाहे लाल, हरा, नीला पूरी दुनिया हो तो कैसा लगेगा। आप निश्चित ही कहेंगे कि वह सुंदर नहीं होगा। उसी प्रकार मनुष्य है। मनुष्य में भी अनेक प्रकार के विभिन्नताएं पाई जाती है।

☞ संसार में प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से शारीरिक विशेषताओं में भिन्न-भिन्न होते हैं। जैसे ऊंचाई, वजन, शक्ति, बालों का रंग आदि। वह व्यक्ति अधिक या कम बुद्धिमान व्यक्ति हो सकते हैं।

☞ संसार में जितने भी व्यक्ति हैं। उनका व्यवहार अलग-अलग होता है। उसे हम स्थितिवाद कहते हैं।

 

मनोवैज्ञानिक गुणों का मूल्यांकन (Evaluation of Psychological Qualities)

☞ मनोवैज्ञानिक गुणों का अर्थ है। किसी व्यक्ति के प्रसन्नता से होता है। मनोवैज्ञानिक गुणों को समझने के लिए पहला चरण उसका मूल्यांकन है। मानव के गुणों के मापन की विधि अनेक है। जैसे “हरीश एक प्रभावी व्यक्ति” है। इसमें हरीश में “प्रभाविता” होने की मात्रा संकेत करता है। हरीश में प्रभाविता का गुण है।

☞ किसी भी व्यक्ति का मूल्यांकन करना चाहते हैं। तो सबसे पहले आपको संज्ञानात्मक, सांवेगिक, सामाजिक आदि में कैसा व्यवहार या निष्पादन करता है। इससे पता चलता चलता है।

 

मनोवैज्ञानिक गुणों के निम्नलिखित परीक्षण 👇

@ बुद्धि (Intelligence) :- बुद्धि पर्यावरण, चिंतन, चुनौती संसाधन को समझने का बेहतरीन क्षमता है। बुद्धि व्यापक रुप से विद्यालय शिक्षा से लाभ उठाने की योग्यता का ज्ञान होता है। कम बुद्धि वाले विद्यार्थी परीक्षा में इतना अच्छा निष्पादन नहीं कर पाता है। लेकिन जीवन के हरेक्षेत्र में बुद्धि ही सफलता का मार्ग है

@ अभिक्षमता (Aptitude) :- अभिक्षमता का अर्थ है कि किसी व्यक्ति को उच्च प्रशिक्षण देकर अच्छा व्यक्ति बनाया जाता है।

@ अभिरुचि (Interest) :- अभिरुचि का अर्थ यह है कि किसी विशेष चीजों में अभिरुचि होती है। जो जीवन में संतुष्टि के साथ कार्य निष्पादन को उन्नत करता है। उसे हम अभिरुचि कहते हैं।

@ व्यक्तित्व (Personality) :- व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति के प्रभावी या विनम्र से है। साथ ही साथ व्यवहार का भी क्षमता प्रदान करता है।

@ मूल्य (Value) :- मुल्य का अर्थ यह है कि राजनीतिक, धार्मिक या सामाजिक आर्थिक आदि मूल्य से कौन सा प्रभावी है।

 

बुद्धि (Intelligence)

☞ अगर किसी बुद्धिमान व्यक्ति के व्यवहारों का परीक्षण करें। तो आप पाएंगे कि वह शीघ्र सीख लेने की योग्यता और संबंधों को समझ लेने की योग्यता जैसे अनेक गुण होते हैं।

ऑक्सफोर्ड  ने बुद्धि को प्रत्यक्षण करने, सीखने, समझने और जानने की योग्यता के बारे में बताया है।

☞ अल्फ्रेड बिने (Alfred Binet) बुद्धि के विषय पर शोध कार्य करने वाले पहले मनोवैज्ञानिक थे” बिने साहब का कहना था कि बुद्धि से अच्छा निर्णय, अच्छा बोध, अच्छा तर्क करने की योग्यता को परिभाषित किया है।

वेश्लर (Wechsler) “वेश्लर के अनुसार बुद्धि व्यक्ति वह समग्र क्षमता है। जिसके द्वारा व्यक्ति संवेग चिंतन करने, उद्देश्य व्यवहार करने तथा अपने पर्यावरण से प्रभावी रूप से निपटने में समर्थ होता है”

गार्डनर (Gardner) और स्टर्नबर्ग (Sternberg) के अनुसार एक बुद्धिमान व्यक्ति न केवल अपने पर्यावरण से अनुकूल करता है। बल्कि कुछ परिवर्तन भी करता है।

 

बुद्धि के सिद्धांत (Principles of Intelligence)

☞ बुद्धि के विषय पर शोध कार्य करने वाले पहले मनोवैज्ञानिक बिने साहब थे। बिने ने बुद्धि को योग्यताओ का एक समुच्चय माना। उन्होंने एक-कारक सिद्धांत भी दिया।

1927 में चार्ल्स स्पीयरमैन ने बुद्धि का द्वि-कारक सिद्धांत दिया। इन्होंने सामान्य कारक (सा-कारक) और विशिष्ट कारक (वि-कारक) का प्रकाशन किया।

सा-कारक :- इसमें प्राथमिक प्रभाव का निष्पादन करता है। ‌

वि-कारक :- इसमें श्रेष्ठ गायक, वास्तुकार, वैज्ञानिक, खिलाड़ी आदि।

☞ लुईस थर्स्टन (Louis Thurstone) के अनुसार प्राथमिक मानसिक योग्यताओं का सिद्धांत प्रस्तुत किया है। इन्होंने 7 प्राथमिक मानसिक योग्यताऐ बताए हैं।

 

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बहु-बुद्धि का सिद्धांत (Principle of Multiple Intelligences)

☞ बहु बुद्धि सिद्धांत के प्रवर्तक हावर्ड गार्डनर है। इनके अनुसार बुद्धि कोई एक तत्व नहीं है बल्कि वह भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं। किसी में कम होता है। तो किसी में ज्यादा होता है। तो किसी में समान होता है। इन्होंने 8 प्रकार की बुद्धियों का वर्णन किया है।

(i) भाषागत (ii) तार्किक गणितीय (iii) देशिक (iv) संगीतात्मक (v) शारीरिक-गतिसंवेदी (vi) अंतर्वैयक्तिक (vii) अंतःव्यक्ति (viii) प्रकृतिवादी

 

बुद्धि का त्रिचापीसिद्धांत (Tripartite Theory of Intelligence)

☞ यह सिद्धांत रॉबर्ट स्टर्नबर्ग ने (1985) में प्रस्तुत किया। बुद्धि वह योग्यता है जिससे पर्यावरण के प्रति अनुकूलित होता है साथ ही साथ पर्यावरण का परिवर्तित भी करता है

 

बुद्धि का मूल्यांकन (Assessment of Intelligence)

☞ सर्वप्रथम 1905 में अल्फ्रेड बिने तथा थियोडोर साइमन बुद्धि के मापन का सफल प्रयास किया।

☞ 1912 में एक जर्मन मनोवैज्ञानिक विलियम स्टर्न ने बुद्धि लब्धि का संप्रत्यय विकसित किया।

 

                     मानसिक आयु                      12

बुद्धि लब्धि = ———————– ×100   = ——- × 100 = 120

                    कालानुक्रमिक आयु                 10

 

 

बुद्धि परीक्षणों के प्रकार (Types of Intelligence Tests)

☞ बुद्धि परीक्षण के अनेक प्रकार है। जैसे वैयक्तिक परीक्षण तथा समूह परीक्षण, शाब्दिक या अशाब्दिक (वाचिक) परीक्षण तथा निष्पादन परीक्षण, संस्कृति निष्पक्ष तथा संस्कृति अभिनत ये सब बुद्धि परीक्षण है।

☞वैयक्तिक परीक्षण :- इसमें एक समय पर एक ही व्यक्ति का बुद्धि परीक्षण किया जा सकता है। साथ ही इसमें मौखिक अथवा लिखित रूप से उत्तर दिया जाता है।

☞ समूह परीक्षण :- इसमें एक समय पर अधिक व्यक्तियों का बुद्धि परीक्षण किया जा सकता है। इसमें लिखित उत्तर दिया जा सकता है।

☞ शाब्दिक परीक्षण :- शाब्दिक परीक्षण में मौखिक अथवा लिखित रूप से परीक्षा होती है। इसमें केवल साक्षर व्यक्तियों को ही दिया जा सकता है।

☞ अशाब्दिक परीक्षण :- अशाब्दिक परीक्षण में चित्र द्वारा चित्रनिरूपण का उपयोग किया जाता है।

☞ निष्पादन परीक्षण :- इस परीक्षण में लिखित भाषा का उपयोग नहीं किया जाता है।

 

भारत में बुद्धि परीक्षण (Intelligence Test in India)

भारत में 1930 में एस. एम. मोहसिन (S.M. Mohsin) ने हिंदी में बुद्धि परीक्षण का निमार्ण किया। सी. एच. राइस (C.H Rice) ने  बुद्धि परीक्षण को उर्दू तथा पंजाबी भाषा में प्रयास किया।

 

संस्कृति तथा बुद्धि (Culture and Intelligence)

☞ बुद्धि हमें पर्यावरण से अनुकूलित होने में सहायता करती है। साथ ही साथ हमारे दैनिक जीवन के बारे में भी बताती है। जैसे रोना, माता की आवाज की ओर ध्यान देना, सूंघना, चलना, दौड़ना आदि।

☞ संस्कृति का अर्थ यह होता है। की इसके रीति-रिवाजों, विश्वास, कला, सामूहिक व्यवस्था इन सभी को संस्कृति कहा जाता है।

𒊹 संज्ञानात्मक क्षमता :- इस संवेदनशीलता में समझ, विभेदन क्षमता, समस्या, समाधान की योग्यता तथा प्रभावी संप्रेषण की योग्यता।

𒊹 सामाजिक क्षमता :- इसमें अपने से बड़ों, छोटो तथा वंचित व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता, सम्मान, दूसरों की चिंता, दूसरे व्यक्तियों के परिप्रेक्ष्य का सम्मान।

𒊹 सांवेगिक क्षमता :- इसमें ईमानदारी, शिष्टता, अच्छा आचरण तथा आत्म मूल्यांकन।

𒊹 उद्यमी क्षमता :- इसमें धैर्य, कठिन परिश्रम, सतर्कता तथा लक्ष्यनिर्देशित व्यवहार।

 

सांवेगिक बुद्धि (Emotional Intelligence)

यह बुद्धि का भावात्मक विचार है। जिसमें सफल होने के लिए उच्च बुद्धि लब्धि तथा विद्यालय परीक्षणों में अच्छा निष्पादन यह प्राप्त नहीं है बल्कि चिंतन तथा व्यवहारों के योग्यता के सामने की बुद्धि है। इसमें अपने परिवार की समस्या रहती है।

 

सर्जनात्मकता (Creativity)

सर्जनात्मकता अथवा रचनात्मकता किसी वस्तु, विचार, कला, साहित्य से संबंधित किसी समस्या का समाधान निकालने आदि के क्षेत्र में कुछ नया रचने, आविष्कृत करने या पुनर्सृजित करने की प्रक्रिया है। यह एक मानसिक संक्रिया है जो भौतिक परिवर्तनों को जन्म देती है।

 

 

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